विश्व क्षितिज को अध्यात्मिक आलोक प्रदाता लोक महर्षि आचार्यश्री महाश्रमण इक्कीसवीं सदी के महान समाज सुधारक है। ‘संयम ही जीवन है’ उद्घोष को मुखरित करने वाले अणुव्रत आंदोलन को आप अणुव्रत अनुशास्ता के रूप में कुशल नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं।
आपका जन्म 13 मई 1962 को राजस्थान के सरदारशहर कस्बे में हुआ एवं 5 मई 1974 को दीक्षित हुए। एक धर्म संप्रदाय के आचार्य होते हुए भी आपके विचार असम्प्रदायातीत है। अहिंसा और नैतिकता की प्रतिष्ठापना के लिए आप सतत् संलग्न है। मानवीय मूल्यों के पुर्नस्थापना एवं कल्याण के फौलादी संकल्प के साथ 30,000 किलोमीटर की आप द्वारा की गई पद्यात्राएं आपके परम पुरुषार्थ की परिचायक है।
अध्यक्ष
तारानगर
चुरु- (राजस्थान)
मो.: 08094590000
मंत्री
मो.: 09414865598
Published on 22 April 2014